शनिवार, 9 अप्रैल 2011

आओ एक जुट हो - जाएँ

आओ एक जुट हो - जाएँ
ना रुकेंगे, ना थकेंगे, न लेंगे चैन की सांस,
जब तक नहीं हो जाता  आर्थिक आजादी का आगाज.
अन्ना बैठे अनशन पर तो हिला दी सरकार,
आज एक जुट होकर जुड़ने की है सबको दरकार,
जन आन्दोलन बना दो RCM को बांटो जन - जन में ये प्यार.
ना जाए अब एक भी पाई (पैसा) बाहर दूर विदेशो में,
स्वदेशी का बिगुल बजा दो, जन का पैसा जन की ही जेबों में.
बहिष्कार करो
विदेशी चीजों का,
समझाओ उनको
जो पथ-मति भ्रष्ट हुए हैं,
अपने बहेन और भाई,
लुट रहे चकाचौंध में,
अब भी अकाल ना आई.
पहले अंग्रेजो ने, फिर
कुछ देश के गद्दारों ने,
अब नेता नीच हज़ारो ने,
इस देश की अस्मत लूटी है.
उतरे इनका भूत, कसम से,
RCM वो विभूति है.

----- डॉ प्रवीण शर्मा

RCM Jeevan Hits

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