भयभीत न हों
असफलताओं को देख कर भयभीत न हों ।
वे शिक्षक बनकर हमको सिखाने के लिए आती हैं ।
दूसरो का अनुभव हमारे उपर उतना प्रभावशाली नही होता ।
जितना कि स्वयं का अनुभव होता है ।
इसलिए किसी भी कार्य में सफल होने के लिए असफलताओं की राह से गुजरना तो पड़ेगा ।
जितना जरुरी सही रास्ते का ज्ञान होना है ।
उतना ही जरुरी ग़लत रास्ते का पता होना भी है।
तभी इन्सान सही निर्णय लेने योग्य बन पाता है ।
असफलताओं के डर से रुको मत ।
चलोगे तो मंजिल तक पहुंचना निश्चित है ।
रुके रहोगे तो वहीँ रहना भी निश्चित है ।
हटा सको तो हटा दो राह के पत्धर ।
तुम्हारे बाद भी कोई इस राह से गुजरेगा ।
आर .के .पांचाल
रोहिणी दिल्ली
9212943010
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